होली में बौराय के डिम्पल भौजी करें ठिठोली, देख अकेले जोगी जी ने रंग दी घघरा-चोली, रंग दी घघरा-चोली भगवा रंग अब मुझको भाय, अबकी बारी टिकट दिला दो, कुछ तो करो उपाय
बुरा न मानों होली है

होली में बौराय के डिम्पल भौजी करें ठिठोली, देख अकेले जोगी जी ने रंग दी घघरा-चोली, रंग दी घघरा-चोली भगवा रंग अब मुझको भाय, अबकी बारी टिकट दिला दो, कुछ तो करो उपाय
वादे झूठे, कसमें झूठीं, झूठा प्रेम निभाया फिर भी न जानें, क्यों नहीं माने, ऐसा दिल भरमाया दिल की बातें, दिल ही जाने, कौन इसे समझाए जीवन-पथ पर, धीरे-धीरे, राही पाँव बढ़ाए
अपने घर में ही नया स्वर्ग बना रखा है मैंने मां-बाप को मंदिर में बिठा रखा है
मैंने पत्थर में भी फूलों सी नज़ाकत देखी पिस के सीमेंट बने, ऐसी शराफ़त देखी थी तेज हवा, उनका आँचल गिरा गई इस शहर ने उस रोज क़यामत देखी
जरा सा हाथ लगा, गिर पड़ा तेरा गमला बात छोटी सी है, तू मुझसे इंतकाम न ले इस गम-ए-हिज़्र को बनने दे तू मेरा कातिल, मुझपे मत तीर चला, सर पे ये इल्ज़ाम न ले
तुम्हें याद है मंदिर में जब, हम पहली बार मिले थे तुमनें पलकें थीं झुकाई, अधरों पर फूल खिले थे बस एक झलक ने छेड़ी थी, मेरे दिल का इकतारा मेरे दिल का इकतारा
आज की रात दीवाली है, न सोई होगी मेरी माँ आज बड़ी देर तक रोई होगी