‘रफ़्तार की कीमत -Experience Of Daily Life’

Experience Of Daily Life'
1-
यहाँ रफ़्तार की कीमत है गाड़ियों की नहीं
मेरी स्पीड बढ़ने दे चैन पूलिंग कम कर दे।

2-
मेरी रफ़्तार देखनी हो अगर
मेरे इंजन में मालगाड़ी के डिब्बे जोड़ दे।
उफ़ ये इंसानो का वजन और हर हार्ट पे ठहरना है,
फिर चैन पूलिंग ने स्पीड रोक रखी है

3-
उनके मरने की अफवाह ने मेरा बट्टा लगा दिया..
एक लाख उधार दिया था,
दो लाख का हार्ट आपरेसन का बिल का आ गया…

4-
जालिम ने मुझको मारकर खंजर गडा रहने दिया.
और अब इन्स्पेक्टर के घर उसी से सब्जी कटता है.

5-
जब वह परेशान हो जाता है
काफी हद तक इंसान हो जाता हैं.

6-
ये रस्सी भी बड़ी अजीब है.
किसी के लिए राखी,
किसी के लिए बंधन,
और किसी के गले के करीब है..

यही दस्तूर है कहीं नूर है..
कोई खुश तो कोई मजबूर है..

किसी को दारू का सुरूर है
किसी को money का गरूर है
अरे भाई अपने नेता लोग
ऐसे ही थोड़े मशहूर है…

7-
मुझको जलील करके तेरा दिल अगर भरा हो,
तू बाप है, बेटी से भी कुछ पूछ ताछ कर.
माना मै भूल बैठा औकात मोहब्बत मे,
ये भूल उधर भी है तो कुछ तो इंसाफ कर …

8-
कुछ यूँ बयां करते थे हाले दिल सनम सेल फ़ोन पर ( whats app)
इन दिनों दिल में सुरीली दस्तकें होने लगी
पर हकीकत आज ही तो रूबरू मेरे हुई
दीवाने वो मेरे नहीं गर हैं तो copy-paste के…

9-
मजा लेता हूँ अँधेरी ट्रेन में धक्के लगाने का,
खाली ट्रेन में अब तो वीरानियां दिखती हैं।

10-
लोकल ट्रेन पकड़ना है तो स्टेशन जाना जरूरी नहीं,
अब यार्ड में भी पैसेंजर्स की चहल-पहल रहती है।

11-
ये अजनबी है फिर भी कितने करीब हैं,
उफ़ अँधेरी लोकल, उनका भी नशीब है, मेरा भी नशीब है।

12-
मुझे कमजोर कहने की हिमाकत मत करना,
मै तूफान बना फिरता हूँ.
इन छोटी मुश्किलों की क्या औकात है,
जब मै रोज विरार ट्रेन पकड़ता हूँ।

13-
बहुत है गुरुर तुझे अपनी काबिलियत पर,
तू नालासोपारा में अँधेरी ट्रेन पकड़ के तो दिखा।
सारी अकड़ हो जाएगी फना ऐ दोस्त
तू मलाड स्टेशन पर उतर के तो दिखा।

14-
चुभाया है तूने मेरे एहसान के बदले,
मेरे पीठ में गडा वो खंजर निकाल दे,

संभाला था मैंने तुझे गर्दिश में सितमगर,
मुंह फेर ना अब रहम की कुछ तो मिसाल दे…

15-
रास्ता ही ख़त्म हो गया गया, मंजिल नही मिली,
पर ये भीड़ यहाँ कुछ खास होने का एहसास कराती है।

16-
न कर बर्बाद ऐ ग़ालिब हुनर अपना,
ये व्हाट्स एप्प है,
कि copy-paste करने में मजा ,
कुछ कम नहीं आता…

17-
क्या खाक असर करेगी
बी ए की मेरी डिग्री,
एम् बी ए वालो को मैंने
शहर की खाक छानते देखा है..

फिर कौन पूछता है
मुझमे है हुनर कितना,
पडोसी सी ए को मैंने अभी अभी
रिज्यूमे बांटते देखा है…

18-
कुछ समय पहले तक जो वाटर हुआ करता था,
वो शख्स आज फायर बन गया है,
इसे इत्तेफाक समझू या कुछ और,
अपना दोस्त आज शायर बन गया है..

19-
बेइंतिहा मोहब्बत की मिसाल चाहिए अगर,
खंजर से ये दिल निकाल कर ,
खुद को बरामद कर ले..

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