‘परछाईं लिए बैठा हूँ – Following Shadows’ 

अपने दिल की रुसवाई लिए बैठा हूँ
मै समंदर की गहराई लिए बैठा हूँ।

मातम मना रहे हैं सब उनके जाने का
मै अपने घर में देखो शहनाई लिए बैठा हूँ।

उनका सलाम करना, उफ़ वह लूटने का फन
मै आज तक उस शख्स की परछाईं लिए बैठा हूँ।

जज्बात की आंधी में उड़ने का हुनर है
दुनिया के लिए मै बुराई लिए बैठा हूँ।

अनजान मुकद्दर है ,नादान मै ठहरा
वीरान रास्तों की लम्बाई लिए बैठा हूँ।

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