‘बीता एक बरस जीवन’ A Poem On New Year Eve September 24, 2016October 27, 2016 ~ Kaushal Shukla बीता एक बरस जीवन। क्या पाया ,क्या खोया हमने, कितने स्वप्न संजोया हमने, कठिन बहुत सब अर्जित करने, असफल हो पछतावा करने, से अच्छा है कुछ ही खुशियों से महके अपना आंगन। बीता एक बरस जीवन। AdvertisementShare this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related
बहुत हीं सुन्दर।
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Fantastic
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