जा रहा यह साल पर उपहार सुन्दर दे गया है – Happy new year

​मेरे सपनों में नया संसार सुन्दर दे गया है,
जा रहा यह साल पर उपहार सुन्दर दे गया है।

लीक दुनियां ने बनाया, मैं उसी पर चल रहा था,
सूर्य की किरणों से आहत, बर्फ सा मैं गल रहा था,
तेल ही बाकी नहीं था, मैं दिया कबतक जलाता?
या जलाता भी अगर, यह रौशनी कैसे मैं पाता?

मंजिलें क्या खाक मिलतीं, पांव उठते ही नहीं थे,
घुप अँधेरा हर तरफ था, दिए जलते ही नहीं थे,
मार्ग जो अवरुद्ध था कलतक, अभी वह खुल चुका है,
चल पड़ा मंजिल को पाने, रास्ता अब मिल चुका है।

आज मेरी सोच अपनी है, नया अस्तित्व मेरा,
अब निखरता जा रहा है पुष्प सा व्यक्तित्व मेरा,
ज्ञान की इस रौशनी से हृदय जगमग हो रहा है,
स्वयं को जब पा लिया उड़ने का मन अब हो रहा है।

ठोकरें दी लाख पर आधार सुन्दर दे गया है,
जा रहा यह साल पर उपहार सुन्दर दे गया है।

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8 thoughts on “जा रहा यह साल पर उपहार सुन्दर दे गया है – Happy new year

  1. सर्वप्रथम आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।
    हौसलें अगर बुलंद हों ,निश्चय पक्का हो तो ,
    आसमां के तारें भी जमीन पर आ जाते हैं ।
    बहुत सुंदर रचना यह साल सुंदर उपहार दे गया

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