नवरात्रि तुम्हें मंगलमय हो,
चिंता छोड़ो, उपवास करो,
वो सब बाधाएं हर लेंगी,
माँ दुर्गा पर विश्वास करो।
जो जगजननी होंगी प्रसन्न,
सब कार्य सहज हो जायेंगे,
पर्वत देंगे पथ सरल सुगम,
कांटे खुद ही हट जाएंगे।
फिर एकबार आवाहन कर लो,
महाप्रभो रघुनन्दन की,
जो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं,
कुछ पढ़ो कथाएँ जीवन की।
संभव है जागृत हो जाए,
अपने मन की भी नवल जोत,
मिल जाए प्रभु से विमल-बुद्धि
मंजिल पाने का मूल स्रोत।
तुम धैर्य रखो, तुम ध्यान रखो,
आत्मा को महिमावान रखो,
तप-त्याग-मनोबल संग लिए,
अपने को ऊर्जावान रखो।
फिर क्या हिम्मत है मंजिल में,
खुद ढूंढ तुम्हे अपनाएगी,
‘तुम धीर बनो, तुम वीर बनो’
तेरा सौभाग्य मनाएगी।
कहना इतना ही है हमको
माँ दुर्गा का गुणगान करो,
वो हमें जगाएं सोए से,
नतमस्तक महाप्रणाम करो।
By
Kaushal Shukla
Nice one bhaiya
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