
मुझको दीवाना करने का
इल्ज़ाम तुम्हारे सर होगा।
मैं काम करूँ, आराम करूँ,
सोऊँ थोड़ा, विश्राम करूँ,
सारी दुनियादारी तजकर,
हर वक्त तुम्हारा ध्यान करूँ।
हर वक्त तुम्हारी अनुपम छवि,
नैनों के आगे रहती है,
तुझमें ही डूबा रहूँ सदा,
मन की अभिलाषा कहती है।
कुछ दूर रहो वर्ना आशिक
बदनाम तुम्हारे घर होगा,
मुझको दीवाना करने का
इल्ज़ाम तुम्हारे सर होगा।
स्मृतियां तेरी इस मन पर,
इस भाँति पसर सी जातीं हैं,
कुछ नहीं सूझता अन्य मुझे,
सबकुछ विस्मृत कर जातीं हैं।
मुस्कान तुम्हारी कातिल है,
नागिन जुल्फें लहरातीं हैं,
बस एक झलक ही काफी है,
सम्मोहित सी कर जाती है।
यदि मैं आपा खो बैठूं फिर
अंजाम तुम्हारे सर होगा,
मुझको दीवाना करने का
इल्ज़ाम तुम्हारे सर होगा।
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dil ke taaro ko chuta hua ilzam hai ye ,bhoot khoob
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Bhut khub
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धन्यवाद
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Behtreen 😊😊
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धन्यवाद सपना जी
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