दिलों की खाईयाँ पटने लगी हैं
बहुत थी दूरियाँ, घटने लगी हैं
कही तुमने दो बातें साफ दिल से
हमारी उलझने मिटने लगी हैं
कहीं पार्टी, कयामत है कहीं पर
सुना है मुर्गियां कटने लगी हैं
चुनावों का असर कुछ यूँ हुआ है
सियासी पार्टियां सटने लगी हैं
करेगी ब्याह बेटी का कभी तो!
वो विधवा रात-दिन खटने लगी है
बिखेरी है यहाँ चीनी किसी ने
लो देखो चीटियां जुटने लगी हैं
सुनी लड़के की लच्छेदार बातें
इसी से लड़कियां पटने लगी हैं
मुझे नजदीक देखा मंजिलों के
जलन से छातियाँ फटने लगी हैं