मेरे मिटने से पहले आलिंगन मेरा कर लेना।
मैं कतरा-कतरा टपकूंगा, तुम अंजलि में भर लेना।।
मातृभूमि का कर्ज चढ़ा था उसको आज उतार चला
तेरा साथ न दे पाया हूँ अब ये कर्ज़ उधार रहा
बाकी है जो भी हिसाब सब अगले जन्म में कर लेना।
मैं कतरा-कतरा टपकूंगा, तुम अंजलि में भर लेना।।
चार गोलियां सीने पर खाकर भी मैं था जूझ रहा
दुश्मन ने भी लोहा माना मैंने भी क्या खूब लड़ा
भारत पर कुर्बान हुआ हूँ, गर्व हृदय में कर लेना।
मैं कतरा-कतरा टपकूंगा, तुम अंजलि में भर लेना।।
माँ तो रोएगी ही उसको तुमको ही समझाना है
‘तेरा बेटा अमर हो गया’, ये उसको बतलाना है
चिता से मेरी राख उठाकर हाथ मे उसके धर देना।
मैं कतरा-कतरा टपकूंगा, तुम अंजलि में भर लेना।।
घर की जर्जर दीवारें कितने दिन खैर मनाएंगी
अबकी बारिस आयी तो छत को भी तोड़ गिराएगी
मेरे ‘प्रोवीडेंट फंड’ से इक अच्छा सा घर लेना।
मैं कतरा-कतरा टपकूंगा, तुम अंजलि में भर लेना।।
पढ़ा लिखा कर छुटके को, इस काबिल उसे बना देना
देश की सेवा का जज्बा हो, ऐसी अलख जला देना
बड़ा हुआ तो मेरी वर्दी उसके आगे कर देना।
मैं कतरा-कतरा टपकूंगा, तुम अंजलि में भर लेना।।