मातृभाषा हिंदी के सम्मान में दो शब्द – Literacy Not Limited To English

​हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना कॉर्पोरेट कार्यालयों में देखने को मिलती है जहाँ ज्ञान का मापक यंत्र अंग्रेजी भाषा है। अगर साक्षात्कार में साक्षात माता सरस्वती भी विराजमान हों तो धाराप्रवाह अंग्रेजी बोले बिना चयनित नहीं हो सकतीं...

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