कविताएँ लिखता जाता हूँ – Poets Are Prophets

जब-जब अंतर अकुलाता है भावों की धार बहाता है मैं निज छंदों से सींच-सींच स्वप्नों की फसल उगाता हूँ। कविताएँ लिखता जाता हूँ।।

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हम दीपक बनकर चमकेंगे – Do what you can

भारत के दर्शन में कवित्त, कविता दर्शन की मूर्त रूप, उपनिषदों, वेद-पुराणों के श्लोकों का है पावन स्वरूप। जो ज्ञानयोग व् कर्मयोग, 'गीता' हमको सिखलाती है, वह वेद व्यास की गाथा है, जिसको दुनिया अपनाती है।