आज दिल बेचैन सा क्यूँ है – दो मुक्तक November 28, 2016 ~ Kaushal Shukla ~ Leave a comment गरीबों का अगर जीवन नहीं देखा तो क्या देखा, कोई उजड़ा हुआ गुलशन नहीं देखा तो क्या देखा, हक़ीक़त रूबरू होकर तुम्हें अनुभव दिलाएगी, बिना घर का कोई आँगन नहीं देखा तो क्या देखा।