मांग क्यों होती सुधा की चोंट खा भीषण छुधा की छीनता आहार कोई। प्यार कोई।।
प्यार कोई – Avoid Dangerous Love

मांग क्यों होती सुधा की चोंट खा भीषण छुधा की छीनता आहार कोई। प्यार कोई।।
किरण चली दुलारने, नए नए विहान को खगों की झुंड उड़ चली, विशाल आसमान को पुकारने लगा विहान, बाग दे रहा समय उठो तुम्हे है जागना, कि सूर्य हो गया उदय
दिवावसान हो गया सफर में रात ढल गयी कराल काल आ गया तो जिंदगी बदल गयी मगर घने अंधेर में जो रौंद शूल बढ़ गया समस्त विश्व के लिए नई मिसाल गढ़ गया बढ़े प्रवाह के विरुद्ध हाथ-पाँव मारता। उसी महाविभूति को जहान है दुलारता।।