खेवनहार छोड़कर पीछे क्रोधित होकर आँखें मींचे ये टूटी पतवार लिए तुम आगे है मझधार न जाना। तुम सीमा के पार न जाना।।
तुम सीमा के पार न जाना – गीत – Don’t Leave Your Family

खेवनहार छोड़कर पीछे क्रोधित होकर आँखें मींचे ये टूटी पतवार लिए तुम आगे है मझधार न जाना। तुम सीमा के पार न जाना।।
थी कमान पर लक्ष्यहीन थी दुविधा से आँखे मलीन थीं तरकस में बेकार पड़े इन तीरों को संधान मिला है। मुझको अद्भुत ज्ञान मिला है।।
यदि बीज प्यार का बोयेंगे तो प्यार सभी से पायेंगे, नफरत के पेड़ उगाएंगे, हिस्से में कांटे आएंगे। जितना पावन है प्रेम धरा पर, नहीं बराबर कोई चीज, आओ हमसब मिलजुल करके, बोयें कुछ रिश्तों के बीज।