प्रभात-सौंदर्य – Morning Beauty

किरण चली दुलारने, नए नए विहान को खगों की झुंड उड़ चली, विशाल आसमान को पुकारने लगा विहान, बाग दे रहा समय उठो तुम्हे है जागना, कि सूर्य हो गया उदय

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काँटे का स्वाभिमान – गीत – Thorn’s Attitude

फूलों को समझा कर हारा रंग रूप पर मत इतराना सब तुमसे मतलब साधेंगे पड़े न तुमको अश्रु बहाना स्वाभिमान के हेतु धरा पर कुछ कठोरता भी अपनाओ छोटा सा कांटा हूँ तो क्या मत मुझको तुम पैर लगाओ।।